पृथ्वी की दर्दनाद चीखेंः अन्तिम विनाश का संकेत


Published Date: 06-06-2025 Issue: Vol. 2 No. 6 (2025): June 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download
सारांश: यह लेख पृथ्वी की पर्यावरणीय, भौतिक और नैतिक पीड़ा को दर्शाते हुए हमें यह बताता है कि जलवायु परिवर्तन, प्राकृ तिक आपदाएँ, जैव विविधता का ह्रास और वैज्ञानिक चेतावनियाँ कृ सब एक सामूहिक चेतावनी हैं। इसमें न केवल संकट का वर्णन है, बल्कि उसके लिए जिम्मेदार मानव भूमिका और समाधान की संभावनाएँ भी प्रस्तुत की गई हैं। लेख भारत की सांस्कृतिक चेतना, सह-अस्तित्व के विचार और युवाओं की भूमिका को रेखांकित करते हुए एक हरित भविष्य की आशा जगाता है। अंत में, यह हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी की दर्दनाद चीखें केवल विनाश का संकेत नहीं, बल्कि जागरण का अवसर हैं।