Call for Paper: Last Date of Paper Submission by 29th of every month


Call for Paper: Last Date of Paper Submission by 29th of every month


भारतीय अर्थव्यवस्था पर स्टार्टअप का प्रभाव

सद्दाम हुसैन, शोधार्थी, अर्थशास्त्र विभाग, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, बिहार   DOI: 10.70650/rvimj.2025v2i6007   DOI URL: https://doi.org/10.70650/rvimj.2025v2i6007
Published Date: 05-06-2025 Issue: Vol. 2 No. 6 (2025): June 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download

सारांश: भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था वाला विकासशील देश है, इसलिए राष्ट्र के विकास के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास करना बहुत महत्वपूर्ण है। आधे भारतीय श्रमिक अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। भारत को चिकित्सा, शिक्षा, प्रौद्योगिकी जैसे हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है, क्योंकि ये स्टार्टअप बहुत आवश्यक हैं। सरकार ने कई नीतियाँ शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य स्टार्टअप के लिए कारोबारी माहौल को आसान बनाना है। अध्ययनों से पता चलता है कि भारत को हर साल 100 मिलियन से अधिक नौकरियों की आवश्यकता है और जो नौकरियाँ पैदा होती हैं, वे ज्यादातर स्टार्टअप से होती हैं। स्टार्ट-अप उद्यमिता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कारोबारी माहौल में नए नवाचार, नई नौकरियाँ और प्रतिस्पर्धी गतिशीलता भी लाती है। आज की दुनिया में आर्थिक समृद्धि में स्टार्ट-अप की भूमिका बढ़ रही है। स्टार्ट-अप का एक मुख्य लाभ यह है कि यह नई नौकरियाँ पैदा करता है। वैश्विक डेटा से पता चलता है कि हमारे देश में बड़ी कंपनियों या उद्यमों की तुलना में स्टार्ट-अप अधिक नौकरियाँ पैदा कर रहे हैं।

मुख्य-शब्द: स्टार्टअप इंडिया; इकोसिस्टम; प्रभाव; नीतियाँ।


Call: 9458504123 Email: editor@researchvidyapith.com