शिक्षा के अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के संदर्भ में यौन भिन्नता तथा निवास स्थान के प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन


Published Date: 07-06-2025 Issue: Vol. 2 No. 6 (2025): June 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download
सारांश: संसार में प्रत्येक राष्ट्र की भावी नीतियों में प्राथमिक शिक्षा को उच्च स्थान प्राप्त हे। यदि कोई राष्ट्र अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण कारना चाहता है तो उसे प्राथमिक शिक्षा की पहली सीढ़ी को सफलता पूर्वक पार करना होगा। प्राथमिक शिक्षा किसी भी देश के विकास की नींव होती हैं। यह बच्चों को पढ़ने, लिखने और बुनियादी ज्ञान प्राप्त करने को पहला अवसर प्रदान करती हैं। यह न केवल व्यक्ति के बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संसार के सभी विकसित राष्ट्रों ने प्राथमिक शिक्षा के स्तर को ऊॅंचा उठाने को महत्त्व दिया है। राष्ट्रीय विचार धारा एवं चरित्र का निर्माण करने में जितना महत्त्वपूर्ण स्थान प्राथमिक शिक्षा का है, उतना किसी अन्य शैक्षिणक गतिविधि का नहीं हैं।
मूल शब्द: भारतीय दर्शन, हिंदी साहित्य, भक्तिकाल, तुलसीदास, अद्वैतवाद।