भारतीय राजनीति में महिलाओं का सशक्तिकरण- एक विश्लेषणात्मक अध्ययन


Published Date: 05-07-2025 Issue: Vol. 2 No. 7 (2025): July 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download
सारांश-: महिलाएं किसी भी समाज की आधी आबादी होती है और इस आधी आबाद को हाशिए पर रखकर किसी भी समाज के पूर्ण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। वर्तमान सामाजिक व्यवस्था लंबे समय से पितृसत्तात्मक विचारधारा पर आधारित है। यह विचारधारा एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था को जन्म देती है जो पुरुषों को श्रेष्ठ और महिलाओं को दूसरे दर्जे का मानती है। इस सामाजिक व्यवस्था में महिलाओं की स्थिति बहुत ही शोषणकारी और उत्पीड़नकारी होती है, महिलाओं के साथ हिंसा इस व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह व्यवस्था महिला तथा उससे संबंधित समस्याओं को सदैव ही हाशिए पर रखती है। यदि भारतीय समाज महिलाओं के विषय में वास्तविक तौर पर चिंतित हैं तो उसे सदियों से चली आ रही वर्तमान व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन करना होगा। तभी भारतीय महिलाओं की स्थिति में वास्तविक सुधार संभव हो सकेगा और एक न्यायपूर्ण लोकतांत्रिक सामाजिक व्यवस्था की स्थापना हो।
Keywords: पितृसत्तात्मक, सामाजिक, लोकतांत्रित, क्रांतिकारी।