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जीन जैक्स रूसो के शैक्षिक विचारों का आधुनिक युग में प्रभावः विश्लेषणात्मक अध्ययन

Authors: सलाउद्दीन सैफी, शिक्षा संकाय विभाग, श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय, गजरौला, अमरोहा, उ0प्र0 Authors: कीर्ति महाजन, शिक्षा संकाय विभाग, श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय, गजरौला, अमरोहा, उ0प्र0   DOI: 10.70650/rvimj.2025v2i70004   DOI URL: https://doi.org/10.70650/rvimj.2025v2i70004
Published Date: 03-07-2025 Issue: Vol. 2 No. 7 (2025): July 2025 Published Paper PDF: Download E-Certificate: Download

सारांश: पाश्चात्य जगत में अनेक विचारधाराओं को लेकर आंदोलन हुए। इनमें एक विचारधारा हैं प्रकृतिवाद। यह एक ऐसी विचारधारा हैं, जिसने अपने सिद्धांतों एवं परम्परागत रूढ़िवादी मान्यताओं के विरोध में जनमानस के लिए एक उचित, जीवन दर्शन प्रदान किया। प्रकृतिवादी विचारधारा वैसे तो प्राचीन काल से ही मौजूद थी, परन्तु इसे व्यवस्थित और व्यावहारिक विचारधारा के रूप मेे प्रस्तुत करने का पूर्ण श्रेय जीन जैक्स रूसों को जाता है। रूसो के अनुसार बालक को शिक्षा के लिए सामाजिक नहीं बल्कि प्राकृतिक परिवेश की आवश्यकता होती है। रूसो ने प्रकृति की ओर लौटो तथा प्रकृति का अनुसरण करने का नारा दिया है। उनका मानना था कि प्रकृति बालक की शिक्षा का सबसे बड़ा स्रोत है। प्राकृतिक शिक्षा से रूसो प्राकृतिक मानव का विकास करना चाहते थे। रूसो के सिद्धान्त के अनुसार बालक के बुरे कार्यों का दण्ड प्रकृति अवश्य देती है। इसलिए उसे किसी प्रकार का दण्ड न देकर प्राकृतिक दण्ड द्वारा अनुशासित होने दिया जाना चाहिए।

मुख्य-शब्द: शैक्षिक विचार, प्रकृतिवाद, विश्लेषण।


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