प्राचीन और आधुनिक काल के बीच निरंतरता (आधुनिक भारत के निर्माण में प्राचीन काल का योगदान)
सारांश- प्राचीन काल की शासन प्रणाली, न्यायिक व्यवस्था, और शिक्षा पद्धतियों ने आधुनिक भारतीय प्रशासन और शिक्षा प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त, प्राचीन भारतीय धार्मिक और सांस्कृ तिक मूल्यों की निरंतरता ने आधुनिक भारतीय समाज में सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक संरचना को मजबूत बनाया है। इस शोध पत्र में प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था, व्यापारिक मार्ग, और सामाजिक जीवन का भी अध्ययन किया गया है, जो आधुनिक भारत की आर्थिक और सामाजिक संरचना को प्रभावित करता है। शोध पत्र में प्राचीन भारत की राजनीतिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक विरासत का आधुनिक भारत पर प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इस प्रकार, यह शोध पत्र प्राचीन और आधुनिककाल के बीच निरंतरता को स्थापित करते हुए आधुनिक भारत के निर्माण में प्राचीन काल के योगदान को रेखांकित करता है। यह अध्ययन ऐतिहासिकदृष्टिकोण से प्राचीन भारतीय सभ्यता और आधुनिक भारतीय समाज के बीच की कड़ी को स्पष्ट करने का प्रयास करता है। ‘प्राचीन और आधुनिककाल के बीच निरंतरता (आधुनिक भारत के निर्माण में प्राचीन काल का योगदान)’ विषय पर यह शोध पत्र प्राचीन भारत की विविध संस्कृतियों, परंपराओं, और प्रशासनिक प्रणालियों का आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान का विश्लेषण करता है।
मुख्य शब्दः प्राचीन भारत, आधुनिक भारत, निरंतरता, प्रशासनिक प्रणाली, शिक्षा प्रणाली, धार्मिक मूल्य, सांस्कृ तिक धरोहर, आर्थिक संरचना, सामाजिक संरचना, भारतीय संविधान, स्वतंत्रता संग्राम।